परिस्थितियां चाहे कुछ भी हों, गाँव की महिलाओं को अपने बच्चों व अपनी ही नहीं बल्कि अपने महेशियों के जीवन की भी चिन्ता करनी पड़ती हैं। इस पेंटिंग में ऐसी ही एक महिला को चित्रित किया गया है जो अपने मवेशियों के लिए चारे की ब्यवस्था करने के लिए घर से बाहर निकलती है।
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