© SATYENDRA SINGH 'Dhruva', 2003 (oil on canvas) Size - 18" x 24" |
Oil Painting |
बचपन में एक कहानी सुनी थी कि एक नन्हा बालक अपनी सौतेली माँ के दुर्ब्यवहार के कारण घर छोड़ कर यमुना तट पर भगवान नारायण की आराधना करने चल पड़ता है।
इस दौरान कई ताकतें भगवान की आराधना करने से रोकने के लिए उनके मार्ग में बाधाएं उत्पन्न करते हैं।
लेकिन बालक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। बालक की अपार भक्ति को देख अल्पकाल में ही खुद भगवान नारायण उनको दर्शन देने के लिए प्रकट होते हैं।
इस बालक का नाम ध्रुव था। भगवान नारायण के वरदान स्वरुप ध्रुव समय पाकर ध्रुव तारा बन गए।
इस पेंटिंग में बालक ध्रुव की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाने का प्रयास किया गया है।
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