© SATYENDRA SINGH 'Baithak', 2003 (oil on board) Size - 24" x 36" |
इस ऑइल पेंटिंग को हार्डबोर्ड पर तैयार किया गया है, जिसमें पहाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में बने एक बैठक का चित्रण किया गया है।
Baithak (Oil Painting) |
उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊँ क्षेत्र व अन्य पहाड़ी प्रदेशों के कई गाँवों में पुराने समय में परम्परागत तरीके से कच्चे मकान बनाये जाते थे और हर मकान में हमारे पूर्वजों द्वारा एक बैठक जरूर बनवाया जाता था।
कई साल पहले हमारे दादा जी ने भी घर में एक ''बैठक'' बनवाया था।
जिसके बीच में है एक चूल्हा,
जिसमें बाँज (ओक) की लकड़ी जलाई जाती थी, ताकि बैठक गर्म रहे (दीवारों पर आने वाली सीलन को कम करने के लिए) और चूल्हे में जलते हुए कोयले चौबीसों घन्टे उपलब्ध हों।
आखिर उन्हें देशी तम्बाकू पीने का शौक जो था, शौक ! उनको ही नहीं, उस जमाने के हर किसी ब्यक्ति को था।
उस ज़माने में अतिथि सत्कार का मतलब, अतिथि को बैठक में बिठाना, तम्बाकू पिलाना और गपशप ही था।
हम छोटे थे, मगर चिलम में पानी भरने का काम और एक-दो टोफियाँ कभी-कभी हमें मिल ही जाती थी।
आज बैठक के खम्भों को दीमक चट कर गई है।
जब तक है, तब तक ही है। फिर तो बस, खत्म न होनी वाली
यादें.................
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