पहाड़ की दुबली-पतली पगडंडियों पर हर सुबह और सायं उतरती-चढ़ती हुई पन्दयारियों को आज भी ऐसे ही देखा जा सकता है। जहाँ, आज भी गांवों का विकास कोसों दूर है और पीने के पानी के लिए गाँव के लोगों को दूर-दूर तक पानी के प्राकृतिक स्रोतों पर आना-जाना पड़ता है। इस ऑइल पेंटिंग में ऐसे ही एक महिला को चित्रित किया गया है जो पानी लेकर अपने घर की ओर जा रही है।
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