Friday, 10 May 2013

PINE FOREST

©SATYENDRA SINGH
Pine Forest', 2007 (ink & color on paper)
Size - 11" x 15 "




Pine Forest
चीड़ के जंगलों में हमारा बचपन बीता। जब हमारे खेतों में 'बंदर' फसल खाने व तोड़ने के लिए पूरी पलटन के साथ आ जाते थे तो हम अपने कुत्ते के साथ उन्हें भागने के लिए घर से दौड़ लगते थे और बंदरों के ऊपर पत्थर फेंकते थे। बंदर पास के ही जंगल में चीड़ के बड़े-बड़े पेड़ों पर चढ़ जाते थे तो हम उन्हें भगाने के लिए पटाखे फोड़ते थे और कुछ रोकेट पेड़ के नीचे से बंदरों पर छोड़ते थे। कुछ बंदर हमारे कुत्ते की पिटाई भी कर देते थे। हम बंदरों की पूरी पलटन को पास की पहाड़ी के पीछे के गाँव तक भगा कर घर वापस आ जाते थे। चीड़ के जंगल में हम अपने मवेशियों को चराने के लिए भी ले जाते थे। बरसात के मौसम में चीड़ के जंगल में उगने वाले मशरूम को लेने के लिए भी हम सुबह-सुबह थैला लेकर जाते थे और मशरूम  इकट्ठा कर थैले में घर लाते थे। सुबह-शाम माँ के हाथों बनी मशरूम की टेस्टी सब्जी हमें बहुत पसंद आती थी। 





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